नई दिल्ली : खास खबर
13 जून 2025 : एग्रीमेंट, प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री, पैसों की लेन-देन या पारिवारिक मतभेद जैसे मामले अगर इनमें धोखाधड़ी (Fraud) नहीं है, तो ये सिविल विवाद हैं, क्रिमिनल केस नहीं । ऐसे मामलों में पुलिस FIR दर्ज नहीं कर सकती ।सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्धारण –
सिविल विवाद को आपराधिक केस बनाना कानून का दुरुपयोग है । ऐसे मामलों का फैसला केवल सिविल कोर्ट ही करेगी । अगर पुलिस सिविल विवाद में हस्तक्षेप कर FIR दर्ज करती है, तो पुलिस खिलाफ भी कार्यवाही होगी ।स्टेट न्यूज़ हैड उत्तर प्रदेश कृष्ण कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

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